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मन की शांति का संगम https://www.youtube.com/channel/UCDwsOyVvEJGXugN5rU8zydQ?sub_confirmation=1 If you want peace of mind then this channel is suitable for you just watch oncehttps://www.youtube.com/channel/UCDwsOyVvEJGXugN5rU8zydQ?sub_confirmation=1 https://www.youtube.com/watch?v=JRMv_6YXIsk&list=PLsQXDuDlsH7iPIW3c5KmzA3dVfSc8VNl4&index=41 https://g.co/kgs/pZqKba https://timesofindia.indiatimes.com/entertainment/hindi/movie-details/dolly-kitty-aur-woh-chamakte-sitare/movieshow/66220491.cms https://timesofindia.indiatimes.com/entertainment/hindi/movie-details/swarg-ashram/movieshow/74236876.cms https://timesofindia.indiatimes.com/entertainment/hindi/movie-details/bhoot-part-one-the-haunted-ship/movieshow/69725016.cms https://timesofindia.indiatimes.com/entertainment/hindi/movie-details/love-aaj-kal/movieshow/67214208.cms https://timesofindia.indiatimes.com/entertainment/hindi/movie-details/hacked/movieshow/72141527.cms https://timesofindia.indiatimes.com/entertai...

125-कहानियां छोटी पर सच्ची

6 छोटी-छोटी  कहानियाँ:                           ( 1 )   एक बार गाँव वालों ने यह निर्णय लिया कि बारिश के लिए ईश्वर से प्रार्थना करेंगे, प्रार्थना के दिन सभी गाँव वाले एक जगह एकत्रित हुए  परन्तु एक बालक अपने साथ छाता भी लेकर आया. इसे कहते हैं आस्था.                 ( 2 ) जब आप एक बच्चे को हवा में उछालते हैं तो वह हँसता है  क्यों कि वह जानता है कि आप उसे पकड़ लेंगे. इसे कहते हैं विश्वास.                 ( 3 ) प्रत्येक रात्रि को जब हम सोने के लिए जाते हैं तब इस बात की कोई गारण्टी नहीं होती कि सुबह तक हम जीवित रहेंगे भी या नहीं फिर भी हम घड़ी  में अलार्म लगाकर सोते हैं. इसे कहते हैं आशा.                        ( 4 ) हमें भविष्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है फिर भी हम आने वाले कल के लिए बड़ी बड़ी योजनाएं बनाते हैं. इसे कहते हैं आत्मविश्वास.       ...

124-विश्वास

विश्वास          एक बार दो बहुमंजिली इमारतों के बीच बंधी हुई एक तार पर लम्बा सा बाँस पकड़े एक नट चल रहा था, उसने अपने कन्धे पर अपना बेटा बैठा रखा था। सैंकड़ों, हज़ारों लोग दम साधे देख रहे थे। सधे कदमों से, तेज हवा से जूझते हुए अपनी और अपने बेटे की ज़िंदगी दाँव पर लगा उस कलाकार ने दूरी पूरी कर ली।         भीड़ आह्लाद से उछल पड़ी, तालियाँ, सीटियाँ बजने लगी । लोग उस कलाकार की फोटो खींच रहे थे, उसके साथ सेल्फी ले रहे थे। उससे हाथ मिला रहे थे और वो कलाकार माइक पर आया। भीड़ को बोला :-        "क्या आपको विश्वास है कि मैं यह दोबारा भी कर सकता हूँ।" भीड़ चिल्लाई हाँ! हाँ!!, तुम कर सकते हो। उसने पूछा :- क्या आपको विश्वास है। भीड़ पुनः चिल्लाई हाँ.! पूरा विश्वास है। हम तो शर्त भी लगा सकते हैं कि तुम सफलता पूर्वक इसे दोहरा भी सकते हो।         कलाकार ने पुनः बोला:- पूरा पूरा विश्वास है ना.! भीड़ बोली:- हाँ! हाँ!!* *कलाकार बोला:- तो ठीक है, कोई मुझे अपना बच्चा दे दे, मैं उसे अपने कंधे पर बैठा कर रस्सी पर चलूँगा। फिर क्या सामने...

123- प्रतिक्रिया

            एक रेस्टोरेंट में अचानक ही एक कॉकरोच उड़ते हुए आया और एक महिला की कलाई पर बैठ गया।            महिला भयभीत हो गयी और उछल-उछल कर चिल्लाने लगी…कॉकरोच…कॉकरोच…           उसे इस तरह घबराया देख उसके साथ आये बाकी लोग भी पैनिक हो गए …इस आपाधापी में महिला ने एक बार तेजी से हाथ झटका और कॉकरोच उसकी कलाई से छटक कर उसके साथ ही आई एक दूसरी महिला के ऊपर जा गिरा। अब इस महिला के चिल्लाने की बारी थी…वो भी पहली महिला की तरह ही घबरा गयी और जोर-जोर से चिल्लाने लगी!          दूर खड़ा वेटर ये सब देख रहा था, वह महिला की मदद के लिए उसके करीब पहुंचा कि तभी कॉकरोच उड़ कर उसी के कंधे पर जा बैठा।            वेटर चुपचाप खड़ा रहा।  मानो उसे इससे कोई फर्क ही ना पड़ा, वह ध्यान से कॉकरोच की गतिविधियाँ देखने लगा और एक सही मौका देख कर उसने पास रखा नैपकिन पेपर उठाया और कॉ...

122-मालिक का अकेला बेटा. कुत्ताै

          वे लोग पिछले कई दिनों से इस जगह पर खाना बाँट रहे थे।हैरानी की बात ये थी कि एक कुत्ता हर रोज आता था और किसी न किसी के हाथ से खाने का पैकेट छीनकर ले जाता था।आज उन्होने एक आदमी की ड्यूटी भी लगाई थी कि खाने को लेने के चक्कर में कुत्ता किसी आदमी को न काट ले।          लगभग ग्यारह बजे का समय हो चुका था और वे लोग अपना खाना वितरण शुरू कर चुके थे। तभी देखा कि वह कुत्ता तेजी से आया और एक आदमी के हाथ से खाने की थैली झपटकर भाग गया।वह लड़का जिसकी ड्यूटी थी कि कोई जानवर किसी पर हमला न कर दे, वह डंडा लेकर उस कुत्ते का पीछा करते हुए कुत्ते के पीछे भागा।कुत्ता भागता हुआ थोड़ी दूर एक झोंपड़ी में घुस गया।वह आदमी भी उसका पीछा करता हुआ झोंपड़ी तक आ गया।कुत्ता खाने की थैली झोंपड़ी में रख के बाहर आ चुका था।            वह आदमी बहुत हैरान था।वह झोंपड़ी में घुसा तो देखा कि एक आदमी अंदर लेटा हुआ है। चेहरे पर बड़ी सी दाढ़ी है और उसका एक पैर भी नहीं है।गंदे से कपड़े हैं उसके। ओ भैया! ये कुत्ता तुम्हारा है क्या? मेरा कोई कुत्ता नहीं है।क...

121-जमीदार और मजदूर के कर्म का फल

जमींदार और मजदूर के कर्म का फल           एक गांव में जमींदार और उसके एक मजदूर की साथ ही मौत हुई। दोनों यमलोक पहुंचे।          धर्मराज ने जमींदार से कहा: आज से तुम मजदूर की सेवा करोगे। मजदूर से कहा: अब तुम कोई काम नहीं करोगे, आराम से यहां रहोगे।                 जमींदार परेशान हो गया। पृथ्वी पर तो मजदूर जमींदार की सेवा करता था, पर अब उल्टा होने वाला था। जमींदार ने कहा: भगवन, आप ने मुझे यह सजा क्यों दी?             मैं तो भगवान का परम भक्त हूं। प्रतिदिन मंदिर जाता था। देसी घी से भगवान की आरती करता था और बहुमूल्य चीजें दान करता था। धर्म के अन्य आयोजन भी मैं करता ही रहता था। धर्मराज ने मजदूर से पूछा: तुम क्या करते थे पृथ्वी पर?              मजदूर ने कहा: भगवन, मैं गरीब मजदूर था। दिन भर जमींदार के खेत में मेहनत मजदूरी करता था। मजदूरी में उनके यहां से जितना मिलता था, उसी में परिवार के साथ गुजारा करता था। मोह माया से दूर जब समय मिलता था तब भग...

120-मैल और धूल

                                                                               एक सेठ नदी पर आत्महत्या करने जा रहा था। संयोग से एक लंगोटीधारी संत भी वहाँ थे। संत ने उसे रोक कर, कारण पूछा, तो सेठ ने बताया कि उसे व्यापार में बड़ी हानि हो गई है।         संत ने मुस्कुराते हुए कहा- बस इतनी सी बात है? चलो मेरे साथ, मैं अपने तपोबल से लक्ष्मी जी को तुम्हारे सामने बुला दूंगा। फिर उनसे जो चाहे माँग लेना। सेठ उनके साथ चल पड़ा। कुटिया में पहुँच कर, संत ने लक्ष्मी जी को साक्षात प्रकट कर दिया।           वे इतनी सुंदर, इतनी सुंदर थीं कि सेठ अवाक रह गया और धन माँगना भूल गया। देखते देखते सेठ की दृष्टि उनके चरणों पर पड़ी। उनके चरण मैल से सने थे। सेठ ने हैरानी से पूछा- माँ! आपके चरणों में यह मैल कैसी?          माँ- पुत्र! जो लोग भगवान को नह...